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Moral Stories In Hindi | रमन की चतुराई कहानी हिंदी में
एक समय की बात है हसनपुर नामक गांव में एक मुखिया रहता था। मुखिया का नाम मगनलाल था। मगनलाल बहुत कंजूस आदमी था। वो कभी लोगो की भलाई के लिए खर्च नहीं करता था। वो हमेशा और हर चीज़ में कंजूसी करता था। एक बार की बात है
गांव में बारिश नहीं हो रही थी। चारो तरफ गर्मी बहुत ज्यादा थी। ऐसा लग रहा था जैसे अकाल पड़ने वाला है और ऐसा ही हुआ। पानी का कहीं नामोनिशान नहीं था। आखिर कार लोगो को पीने के लिए भी पानी काम पड़ने लगा।
जब गांव वालो ने देखा के पानी अब बिल्कुल खत्म होने वाला है तो अनलोगो ने बगल के गांव से पानी लेके पीने का सोचा। फिर कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। दूसरे गांव को भी पता चल गया के पानी को कमी होने वाली है तो वो लोग भी अब इनलोगो को मना करने लग गए पानी के लिए। ये सारी बाते देख कर गांव का एक चतुर व्यक्ति जिसका नाम था रमन वो सामने आया और कहा हमे अब मुखिया के पास जानी चाहिए। और उनसे हमे कुआं की मांग करने चाहिए।
गांव वालो ने हामी भरी और अगले दिन सब मुखिया मगनलाल के पास गए। मगनलाल से मिलकर इन लोगो ने सारी बाते बताई। और कहा अब बस आपही हमारी आखरी उम्मीद है। मगनलाल ने कहा ठीक है मै कुआं तो खुदवा देता लेकिन अभी मेरे पास बिल्कुल भी पैसे नहीं है।
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और आप सभी को तो पता ही है के कुआ खुदवाने में बहुत खर्च होता है। और इस तरह से उसने गाओ वालो को टाल दिया। सब वापिस आ गए और बहुत मायूस थे। रमन फिर सब लोगो को बुलाया और कहा मुखिया जी ने हम सब की मदद करने से मना कर दिया है। अब हमे हमारी मदद खुद करनी होगी। गांव वालो ने पूछा कैसे। रमन ने जवाब दिया हम सब मिल कर कुआ खोदेंगे और जो भी खर्च होगा हम सब मिलतक उठाएंगे।
गांव वालो को रमन के इस साहस पे गर्व हुआ। सब गाव वाले मान गए और कहा हम कल से ही खुदाई शुरू कर देंगे। सब लोग सुबह सुबह ही पहुंच गए और खुदाई शुरू करदी। सब कुछ सही चल रहा था कुआ खोद जा रहा था। लेकिन फिर एक मुसीबत आ गई और इस बाद मुसीबत पत्थर के रूप में आई। कुआ काफी खोद जा चुका था लेकिन कुआ के बीच एक पत्थर था जिसे तोड़ना बहुत ज्यादा मुश्किल था।
सब लोगो की हिम्मत टूट गई। रमन ये सब देख कर बहुत उदास हुआ। गांव वालो की परेशानी उस से देखी ना गई उसने फिर से एक तरकीब सोची और गांव वालो से बोला आप लोग अब घर जा के आराम करे। मै इस पत्थर को तोड़ने का इंतजाम करता हूं। गांव वालो ने कहा ठीक है और अपने अपने घर लौट गए। रामन ने रात को का कर कुआं में 5-6 ड्राम तेल उड़ेल लिया। अब कुआं देखने में बिल्कुल तेल का कुआं लग रहा था।
अगले दिन सारे गांव वाले में ये बात फैल गई के जो कुआं अन लोगो ने खोदा है वो पानी का नहीं बल्कि तेल का है। ये बात मुखिया मगनलाल को पता चली। उसने सोचा क्यू ने मै इसे खोडवा दी फिर सारा तेल मेरा होगा। ये सोचकर उसने सारे गांव वालो को बुलाया और कहा तुम सब मेरे लोग तुम्हे कोई तकलीफ़ हो मुझसे नहीं सहा जाएगा इसीलिए अब मै कुआं खोदने का काम पूरा करवाऊंगा।
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ये कह कर मगनलाल ने अपने आदमियों से कहा जितने जल्दी हो सके कुआं खोदने का काम पूरा किया जाए। और फिर जब पुरा कुआ खुद गया तो देखा के उसमे तो बस पानी निकाल रहा है। इसमें कोई तेल नहीं है। मगनलाल को समझ आ गया था के ये कोन और किसने किया है। सारे गांव वाले रमन कि चतुराई से बहुत खुद हुए और शाबाशी दी।
Moral Stories In Hindi | रमन की चतुराई कहानी हिंदी में
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