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Best Hindi Moral Story | लालची गोलगप्पे वाला शिक्षाप्रद कहानी हिंदी में
Best Hindi Moral Story | लालची गोलगप्पे वाला शिक्षाप्रद कहानी हिंदी में:- बहुत समय पहले की बात है। रामबाबू नाम का एक व्यक्ति था। वह गरीब था और अपना गुज़ारा करने के लिए अलग अलग तरह के काम करता था। जैसे कभी चुरी बेचता कभी फल बेचता कभी सब्जी बेचता तो कभी कपड़े। उसका कभी काम में सही से मन नहीं लगता। और इसी वजह से वो अपने काम को हमेशा बदलता रहता था।
एक बार की बात है। उसने सोचा सारे काम कर लिए क्यों ना अब गोलगप्पे बेचे जाए। उसने ये सोचा और गोलगप्पे के लिए समान लेने चला गया। समान लेकर आने के बाद उसने गोलगप्पे बनाए और बेचने निकल गया।
उसे पता था के सबसे ज्यादा गोलगप्पे कहा बिकेंगे। उसने पास ही के स्कूल के पास चला गया। वहां जब बच्चो की छुट्टी हुई तो खूब सारे बच्चे आकर लाइन लगा दिए। सबने गोलगप्पे खाए और अपने अपने घर चले गए।
अगले दिन फिर से रामबाबू ने यही किया। धीरे धीरे वो बच्चो मै काफी प्रचलित हो गया। बच्चे उसके बारे में बहुत बात करते थे। वह भी बच्चो से बहुत बात करता था। बच्चो से वह कौन है कहां से आते है जैसे बात भी किया करता था जिस से उसे भी बच्चो के बारे में काफी मालूमात थी।
एक दिन की बात है विकास नाम का एक बच्चा जो के उसी स्कूल में पढ़ता था और वहीं पर गोलगप्पे भी खाता था। वह एक दिन सोने की चैन पहन कर आया था। रामबाबू ने जैसे ही सोने की चैन देखी उसका मन डोल गया।
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रामबाबू ने विकास को गोलगप्पे खिलाते हुए उस से पूछा ये चैन तुम्हे किसने दी है। विकान ने बताया उसकी मम्मी ने दिया है। रामबाबू ने विकास को काफी सारे गोलगप्पे खिला दिए। विकास ने कहा अब और नहीं खा सकता। फिर विकास ने बीस रुपए दिए तो रामबाबू ने कहा सिर्फ बीस रुपए। लेकिन तुमने तो एक सौ रुपए का गोलगप्पे खाया है।
रामबाबू ने कहा तुम्हारे पास पैसे नहीं तो कोई बात नहीं। तुम इसके बदले में मुझे ये चैन देदो। विकास को चैन की कीमत पता नहीं थी। उसने उसे दे दिया और घर चला गया। घर पहुंचा तो उसकी मम्मी ने चैन के बारे में पूछा लेकिन राजू ने कुछ नहीं बताया।
फिर अगले दिन सभी बच्चे रोज़ की तरह गोलगप्पे खाने आए लेकिन विकास नहीं आया। कुछ दिनों तक ऐसा ही चला। फिर रामबाबू ने बच्चो से पूछा तो उन्हें भी कुछ पता ना थी। फिर उसे एक दिन विकास स्कूल से निकलते हुए दिखा। रामबाबू ने विकास को बुलाया।
विकास से पूछने पर विकास ने बताया के अब उसकी मम्मी उसको पैसे नहीं देती है इसलिए वो गोलगप्पे खाने नहीं आता है। इस पर रामबाबू ने उसे गलत रास्ता दिखाते हुए उसको बताया। अगर तुम्हे मम्मी खुद पैसे नहीं देती है तो तुम चुरा क्यू नही लेते कुछ पैसे। विकास के कोमल मन भ्रष्ट हो गया और उसने रामबाबू की बात मान ली।
Best Hindi Moral Story | लालची गोलगप्पे वाला शिक्षाप्रद कहानी हिंदी में:- अगले दिन विकास स्कूल के लिए जब तैयार हो रहा था तो उसने अलमारी से पैसे चुराने की सोची। जैसे ही उसने पैसे उठाए उसकी मम्मी ने देख लिया। अच्छे से पूछताछ करने पार विकास ने बताया के ऐसा करने को उसे रामबाबू ने कहा है। और फिर उस से पूछने पर उसने चैन वाली बात भी बता दी।
विकास की मां को सब कुछ समझ आ गया और उसने रामबाबू की रंगे हाथ पकड़ने को सोचा।उसने विकास को सब कुछ समझ दिया और कहा जैसा मैंने कहा है तुम बिल्कुल वैसा ही करोगे। विकास मान गया और स्कूल के लिए घर से निकाल गया। उसके पीछे पीछे उसकी मम्मी भी गई।
जब विकास गोलगप्पे वाले के पास गया तो गोलगप्पे वाले ने कहा क्या विकास बेटा तुम्हे पैसे मिले। विकास ने का हा मुझे पैसे मिले और ये लो आप और गोलगप्पे खिलाओ। रामबाबू दो हज़ार का नोट देख कर खुद को रोक नहीं पाया उसने फौरन पैसे लिए और अपनी जेब में रख लिए।
ये सब विकास की मम्मी दूर से खड़ी हो कर देख रही थी और वह अचानक सामने आ गई। उसने रामबाबू से कहा तुम बच्चो को कोरिया करना सिखाते हो। रामबाबू बिल्कुल सिहम गया। उसकी मम्मी ने पुलिस को फोन कर दिया और कहा वो सारी चीज़े जो तुमने ठगी वापिस करोगे। रामबाबू ने कहा ठीक है लेकिन आप पुलिस को मत बुलाइए।
रामबाबू ने सारी चीज़े वापिस की और कहा मै आगे से कभी ऐसा नहीं करूंगा। इतने में पुलिस वह पर आ गई। सारी बाते जान ने के बाद उन्होंने रामबाबू को गिरफ्तार कर लिया और जेल ले गए।
Moral Of The Story
शिक्षा:- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें लालच नहीं करना चाहिए और बुरे काम का नतीज़ा बुरा ही होता है।
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