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कंजूस आदमी की कहानी | Short Moral Story In Hindi
कंजूस आदमी की कहानी | Short Moral Story In Hindi |
कंजूस आदमी की कहानी | Short Moral Story In Hindi. काफी समय पहले की बात है। एक गांव में एक कंजूस रहता था। काफी दौलत भी थी उसके पास। एक बार उसकी बीवी ने उससे कहा कि मेरा आम खाने का मन है। तो बाजार से आम लेकर आजाओ। वह कई दिनों तक ये बात टालता गए। फिर एक दिन वह बाजार गया। और आम वाले के पास जा कर उससे कहां भाई आम कितने का दोगे। आम वाले ने कहा 50 रू किलो।
उस आदमी ने कहा कुछ कम करदो आम वाले ने कहा नहीं इससे कम नहीं होगा। फिर उस आदमी ने कहा इससे काम दाम में कहां मिलेगा। आम वाला बोला यहां से 2 मील आगे एक बाजार लगती है। वहां जाओ वहां 30 रू किलो मिलता है। वो आदमी कंजूस था वहां से चल पड़ा।
वह फिर दूसरे बाजार पहुंच कर आम वाले के पास गया। और बोला भाई आम कितने का दोगे। आम वाला बोला 30 रू किलो। कंजूस आदमी बोला इससे कम दाम में आम कहां मिलेगा। आम वाला बोला यहां से 3 मील आगे एक दुकान है। वहां 15रू कीलो मिलेगा।
फिर वहां से कंजूस आदमी आगे के दुकान की ओर चल पड़ा। जब वो दुकान पहुंचा तो दुकानदार से पूछा कितने का दोगे। दुकानदार दाम बताया कंजूस आदमी फिर बोला इससे काम में कहां मिलेगा। दुकानदार बोला यहां से 5 मील आगे एक दुकान है। वहां 2 रू आम देगा कंजूस आदमी चल पड़ा।
फिर से आगे जाते जाते जब वो लास्ट दुकान पर पहुंचा। तो दुकानदार से बोला भाई आम कितने में दोगे। दुकानदार बोला आम 2 रू किलो है। कंजूस आदमी बोला भाई इससे कम में कहीं मिलेगा क्या। आम दुकानदार बोला मेरा आम का बगीचा है। अगर तुम वहां से मेरे लिए आम तोर दो तो कुछ आम मुफ्त में देदुंगा। कंजूस आदमी मान गया। और वह आम तोड़ने के लिए आम के पेड़ पर चढ़ गया।
जब सारा आम टूट गया। तब वह नीचे उतर ही रहा था कि उसका पैर फिसल गया। और वो आम के पेड़ से लटक गया। अब वो चीखने चिल्लाने लगा। बचाओ बचाओ की आवाज़ लगाने लगा। आम के पेड़ के नीचे दलदल थी। अगर वह नीचे गिरता तो उसकी मौत हो जाती। अब वो चिल्ला ही रहा था के नीचे से एक ऊंट वाला जा रहा था। कंजूस आदमी बोला भाई उट वाले मुझे बचा लो में तुम्हे 100 रुपए दूंगा।
पहले वह आदमी आम के 50 रू देने को तैयार नहीं था। और जब जान पर बात बनी तो 100रू देने को तैयार था। ऊंट वाले ने उसको बचाना चाहा ओर अपने उट को आगे बढ़ाया।
जब ऊंट वाले ने कंजूस आदमी का पैर पकड़ा बचाने के लिए। तो ऊंट आगे बढ़ा और ऊंट वाला भी लटक गया। अब दोनों आदमी एक दूसरे के सहारे आम के पेड़ पर लटक रहा था। फिर पास से एक घोड़े वाला घोड़ा लेकर जा रहा था। घोड़े वाले से ऊंट वाला बोला। भाई मेरी जान बचाओ मै तुम्हे 500रू दूंगा।
ऊपर से कंजूस अपने दोनों हाथ छोड़ कर बोला भाई मेरी जान बचाओ मै तुम्हे 1000रू दूंगा। जैसे ही कंजूस आदमी हाथ छोरा। दोनों आदमी कंजूस ओर ऊंट वाला दोनो गिरा दलदल में। ओर दोनो धस गए। ओर दोनो की मौत हो गई। कंजूस आदमी तो मरा ही साथ में बेचारे ऊंट वाले को भी मौत के घाट उतार दिया।
शिक्षा:
इससे हमें ये शिक्षा मिलता है। कि कभी भी हम लोगों को कंजूसी नहीं करनी चाहिए। पैसा हो या कोई और चीज कंजूसी नही करना चािहए। खुल कर अपनी जरूरतों को पूरा करना चाहिए।
कंजूस आदमी की कहानी | Short Moral Story In Hindi
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