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Jinn Moral Story | चोटी वाला जिन्न की कहानी हिंदी में
Jinn Moral Story | चोटी वाला जिन्न की कहानी हिंदी में. बहुत समय पहले की बात है। एक गांव में एक कुम्हार और उसकी बीवी रहती थी। कुम्हार अपना गुज़ारा करने के लिए मिट्टी के बर्तन बनता और उसे पास के बाज़ार में बेच देता था। कुम्हार स्वभाव से थोड़ा लालची था। लेकिन उसकी बीवी लालची नहीं दयालु थी।
कुम्हार जिस बाज़ार में बर्तन बेचने जाता था, उसका रास्ता एक जंगल से हो के गुजरता था। कुम्हार रोज़ मिट्टी के बर्तन बनता और जो बनकर तैयार हो चुके होते थे। उसे बाज़ार ले जा कर बेच देता था। कुम्हार को इस से पैसे मिलते थे। लेकिन कुम्हार इस से संतुष्ट नहीं था। वह चाहता था उस और पैसे मिले।
एक बार की बात है कुम्हार ने मन में ठान ली के अब मै पहले ज्यादा मेहनत करके खूब सारे पैसे कमाऊंगा। उसने बहोट सारा बर्तन बनाया। जब वो बर्तन सुख कर तैयार हो गए तो कुम्हार उसे बाज़ार ले गया। वह सोच रहा था इस बार मैंने बहुत मेहनत की है। इस बार मुझे बर्तनों के ज्यादा दाम मिलेंगे।
जब वो बाज़ार पहुंचा तो उसे सभी बर्तनों के पहले वाला ही दाम मिल रहा था। वह बहुत मायूस हो गया। उसने उसी दाम में बर्तन बेचा और अपने घर की तरफ लौटने का फैसला किया।
जब वह घर के लिए निकल गया तो जंगल के बीचों बीच पेड़ पर उसे एक जिन्न नजर आया। पहले तो कुम्हार काफी डर गया। लेकिन फिर उसे उसकी दादी की याद आ गई। उसकी दादी कहा करती थी। जिन बुरे नहीं होते। वो बिना वजह किसी का नुकसान नहीं करते किसी को चोट नहीं पहुंचाते। और अगर जिन्न की चोटी हाथ में आ जाए तो वो हर इच्छा पूरी करता है।
कुम्हार ने पहले जिन्न कि चोटी देखी। चोटी तो जिन्न के सिर पर थी। लेकिन उस चोटी को पकड़ना मुमकिन नहीं था। उसने एक तरकीब सोची। और चिल्ला कर कहा। रास्ते में मुझे एक पारी मिली थी। जो का रही थी अगर कोई ऐसा जिन्न मिले जिसकी चोंटी एक हाथ लंबी हो। तो मै उस से शादी कर लूंगी। फिर कुम्हार ने कहा पता नहीं मुझे ऐसा जिन्न कहा मिलेगा।
जिन्न परी की बात सुन कर सोचने लगा। अब तो मै ही उस से शादी करूंगा। वह नीचे आया और कुम्हार से कहा। बताओ तुमने वह परी कहा देखी थी। कुम्हार ने कहा क्यों तुम्हे उस से क्या है। जिन्न ने कहा मैंने तुम्हारी सारी बाते सुन ली थी। अब तुम बताओ परी कहा है।
कुम्हार ने कहा परी ने कहा था उसे एक हाथ लंबी चोटी वाला जिन्न से शादी करेगी। लेकिन तुम्हारी चोटी उतनी बड़ी नहीं लगती। ठीक है तुम माप के देख लो जिन्न ने कहा। कुम्हार ने चोटी मापने के बहाने से जिन्न की चोटी काट ली।
जिन्न हक्का बक्का रह गया और कहा। ये तुमने क्या किया तुमने तो मुझे गुलाम बना लिया। इस पर कुम्हार ने कहा। परी की कहानी पास तुम्हे गुलाम बनाने के लिए मैंने कहा था। और अब तुम वहीं करोगे जो मै कहूंगा।
जिन्न ने कहा आप हुकुम करे मेरे आका। कुम्हार ने कहा तुम मेरे घर को एक आलीशान बंगला में बदल दो और मेरा घर उठा कर गांव के जमींदार के घर के पास रख दो। जिन्न ने ऐसा ही किया। फिर उसने कहा मेरी पत्नी को हीरे जवाहरात के गहने दे दो। जिन्न ने ऐसा ही किया।
फिर कुम्हार ने जिन्न की चोटी को एक बर्तन में बंद करके घर में रख दिया। अब कुम्हार की हालत पहले से काफी अच्छी हो चुकी थी। उसका घर जमींदार के घर से ज्यादा अच्छा था और उसकी बीवी के गहने गांव की औरतों के साथ साथ जमींदार की बीवी भी देखने आती थी।
Jinn Moral Story | चोटी वाला जिन्न की कहानी हिंदी में:- सब कुछ बिल्कुल सही चल रहा था। लेकिन कुम्हार की बीवी को जिन्न को कैद करके रखना अच्छा नहीं लग रहा था। समय बीतता गया और दीवाली के त्योहार का समय आ गया। कुम्हार की बीवी ने कुम्हार से कहा। सभी लोगो ने दीवाली के लिए घर की सफाई शुरू करदी है। हमे भी अपने घर की सफाई शुरू कर देनी चाहिए। इस पर कुम्हार ने कहा। मेरे पास जिन्न है मै जो चाहूं उस से करवा सकता हूं। हमारे घर की सफाई अब वहीं करेगा।
इतना कह कर कुम्हार ने ताली बजाई और जिन्न हाज़िर हो गया। कुम्हार ने जिन्न को हुकुम दिया। तुम मेरे पूरे घर की सफाई करो। जिन्न काम शुरू कर दिया। सफाई करते हुवे उस से एक बर्तन नीचे गिर कर टूट गया।
ये वही बर्तन था जिस में जिन्न की चोटी थी। जिन्न ने झट से अपना चोटी उठा लिए। ये करते हुई कुम्हार ने उसे देख लिए। कुम्हार ने जिन्न से कहा चोटी वापिस करो। जिन्न ने साफ मना कर दिया और कहा। तुमने मेरे साथ धोका किया था। और मुझे अपना गुलाम बना लिया। अब मेरी बारी मै वापिस तुम्हे अपने पहले हालत में पहुंचा देता हूं। यह कह कर जिन्न ने कुम्हार का घर पहले जैसा कर दिया और उसकी बीवी के गहने भी गायब कर दिए और वह से चला गया। कुम्हार बहुत दुखी हो गया। उसकी बीवी ने उस समझाया। हम फिर से पहले जैसे हो गए तो क्या हुआ। आपके पास अब भी बर्तन बनने का हुनर है। आप फिर्से पहले जैसा बर्तन बना के उसे बाज़ार में बचाइए और मै घर के काम संभालूंगी। कुम्हार मान गया और फिर से जिस हालत में था उसी में खुशी खुशी अपना जीवन व्यतीत करने लगा।
Moral Of The Story
शिक्षा:- हमें लालच न करके मेहनत से काम करना चाहिए। जिस प्रकार कुम्हार अमीर बनना चाहता था और उसने लालच किया लेकिन बाद में उसको अपने किये की सज़ा मिल गयी।
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