Akbar Birbal Tales | कटहल का पेड़ कहानी हिंदी में. This is one of the best moral story in hindi of Akbar and Birbal having a moral. I don't think any of you don't know about Akbar and his prime minister Birbal. Akbar was king of kingdom and birbal was king of wisdom. Their combination was really unbeatable. This story is from one of best story of Akbar Birbal Tales. So let's start our story.
Akbar Birbal Tales | कटहल का पेड़ कहानी हिंदी में
एक बार की बात है अकबर का एक माली था जिसका नाम था मीर। वो अपने काम और उसूलों का पक्का था। वो समय पर पौधे को पानी देता और कटाई की जरूरत होती तो वो कटाई करता। बीरबल अक्सर शाम को टहलने के लिए निकलता तो बाग में ही जाता। इस वजह से दोनो साथ में वक़्त बिताते और जल्द ही दोनो में दोस्ती भी हो गई। बाग के बीच में एक कटहल का पेड़ था। दोनों उसी के नीचे बैठते और बाते करते।
एक दिन की बात है माली मीर पेड़ के नीचे बैठ कर रो रहा था। बीरबल हमेशा की तरह शाम को टहलने के लिए निकला। वो बाग में आया लेकिन उसे मीर नहीं दिखा तो उसे लगा के वो कोई और काम रहा होगा। ये सोच कर वो अकेला ही टहलने निकल गया। थोड़ी देर चलने के बाद उसे रोने की आवाज़ सुनाई दी। वो आवाज़ के पीछा करते हुए कटहल के पेड़ के पास जा पहुंचा।
उसने वाहा देखा माली मीर पेड़ के नीचे बैठ कर रो रहा है। बीरबल उसके पास गया और पूछा तुम क्यों रो रहे हो। माली ने बताने से साफ मना कर दिया। बीरबल फिर पूछा लेकिन वो नहीं बता रहा था। थोड़ी देर तक पूछने के बाद उसने बताया। मैंने अपनी ज़िन्दगी भर की कमाई एक मटके में रख कर कटहल के पेड़ के नीचे गार दिया था। लेकिन किसी ने उसे चुरा लिया है अब मै क्या करू। उस में मेरी सालो की कमाई थी जिसे मैंने अपने बूढ़े होने पर इस्तेमाल के लिए रखा था। अब मै क्या करूंगा।
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बीरबल ने उसे सहानुभूति दिया और कहा इस मामले को हम बादशाह अकबर के दरबार में हल करेंगे। मीर मान गया और दोनो कल सुबह दरबार में पहुंच गए। थोड़ी देर इंतजार के बाद उनकी बारी सा गई। बादशाह अकबर के सामने ये सारा मामला रखा गया। अकबर सोचने लगा तभी बीरबल ने कहा महाराज अगर आप आज्ञा दे तो मै इस मामले को हल करना चाहूंगा। अकबर ने कहा ठीक है तुम अपनी कर्यावाई प्रारंभ करो।
बीरबल को थोड़ी बहुत वैद्य विद्या भी आती थी। उसने वाहा बैठे सभी दरबारियों से पूछा क्या आप सब में से कोई हाल फिलहाल में बीमार हुए था। एक दरबारी ने कहा मुझे गले में दर्द थी तो मैंने दवाई ली थी वैद्य जी से। बीरबल ने फिर से पूछा अगर आप मेसे कोई और भी है जो किसी भी तरह के दवाई का प्रयोग कर रहे है। एक और दरबारी उठा और उसने कहा कि मै कर रहा हूं एक दवाई का प्रयोग। बीरबल ने पूछा क्या हुए है आपको। उसने कहा उसे काफी दिनों से बवासीर की बीमारी है। बीरबल ने पूछा आप किनसे दवाई ले रहे है। उसने वैद्य जी को बुलाया। वैद्य जी दरबार पहुंचे तो बीरबल ने उनसे पूछा।
वैद्य जी मुझे काफी दिनों से बवासीर है और मुझे समझ नहीं आ रहा मै कोनसी औषधि प्रयोग करने की आवश्यकता है। वैद्य जी ने बताया जी बवासीर के लिए सब से कारगर दवाई कटहल के जर का अर्क है। अकबर ने फिर उनसे कहा लेकिन मुझे इस वक़्त कटहल का पेड़ कहा मिलेगा।
वैद्य जी ने बताया एक पेड़ है जहां से आप आसानी से का सकते है। बीरबल ने पूछा कहा तो वैद्य जी ने बताया बादशाह के बाग में एक कटहल का पेड़ है। अकबर को समझ आ गया मटका इसी ने लिया है। बीरबल ने उस से पूछा क्या उस कटहल के पास आपने खुदाई की तो क्या आपको मटका मिला था। वैद्य जी ने बताया जी मुझे मिला था। बीरबल ने मीर को बुलाया और उस से पूछा तुम्हारे मटके में कितने सोने के सिक्के थे। मीर ने कहा 75 थे। बीरबल ने वैद्य जी को मटके का सिक्का गीन ने को कहा तो उस में पूरे सिक्के थे। बीरबल ने 65 सिक्के माली मीर को दिया और कहा तुम्हे बस इतना ही मिलेगा क्योंकि तुमने अपनी अमानत संभाल के नहीं रखी और बाकी के सिक्के वैद्य जी को मिलेंगे उनकी ईमानदारी के लिए।
Akbar Birbal Tales | कटहल का पेड़ कहानी हिंदी में
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