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Tea Seller |
Intelligent Tea Seller Story | बुद्धिमान चाय वाला की कहानी
Intelligent Tea Seller Story | बुद्धिमान चाय वाला की कहानी. बहुत समय पहले की बात है। हसनपुर नाम का एक गांव था। वहां एक चाय वाला जिसका नाम अशोक था वह अपनी पत्नी के साथ रहता था। अशोक के पास एक छोटी सी चाय की टपरी थी। जिससे वह अपनी जरूरतों को पूरी करता था और अपना जीवन खुशी खुशी व्यतीत करता था।
अशोक बड़ा ही दयालु था। जब भी उसके दुकान पर उसके दो-चार निकम्मे दोस्त या कोई भिखारी आता तो वह उसे मुफ्त में चाय पिलाता था। इसकी वजह से अशोक को कुछ खास कमाई नहीं होती थी।
एक दिन हरीश अपनी पत्नी सीता को यह बातें बताई। इस पर उसकी पत्नी ने कहा। आप लोगों का भला करते हैं इसमें आपका कोई दोश नहीं। हमारे नसीब में जो लिखा है हमें उतना ही मिलेगा। यह बातें सुनकर हरीश को बहुत तसल्ली हुई। हरीश की दुकान पर जो लोग आया करते थे हरीश उन्हें चाय पिलाता। और उनसे उनका हाल-चाल उनके काम के बारे में पूछा भी करता था। जिससे हरीश की सभी से अच्छी पहचान बन गई थी।
एक दिन हरीश की दुकान पर एक व्यक्ति आया। उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। उसने हरीश से का मुझे पैसों की सख्त जरूरत है। मेरे पत्नी की तबीयत खराब है। उन्हें डॉक्टर के पास लेकर जाना है। क्या तुम मुझे ₹500 उधार दे सकते हो। यह पैसे मै 2 दिन में लौटा दूंगा। हरीश बड़ा ही समझदार था। वह दूसरों की परेशानी समझता था। इसलिए उसने हामी भरी और पैसे उस व्यक्ति को दे दिया।
2 दिन बाद वह आदमी हरीश को पैसे लौटा दिया। यह बात हरीश के दुकान पर आने वाले एक और ग्राहक को पता चला। वह हरीश के पास गया और कहा मुझे ₹1000 की सख्त जरूरत है। मैंने सुना है आपने एक व्यक्ति की मदद की थी। क्या आप मेरी भी मदद करेंगे। हरीश के लिए ₹1000 बड़ा रकम था। लेकिन जब उस आदमी ने बहुत मिन्नतें की तो हरीश पैसे देने के लिए मान गया।
वह आदमी पैसा ले लिया और कहा मैं यह पैसा आपको 3 दिन में लौटा दूंगा। 3 दिन पूरे हुए फिर वह व्यक्ति हरीश के पास आया। उसने हरीश को ₹1200 दिए। हरीश ने उस व्यक्ति से कहा आपने पैसे ज्यादा दे दिए हैं। मुझे ₹1000 ही लेना है। आपने 200 ज्यादा दे दिया। इस पर वह व्यक्ति बोला देखो जिस वक्त मुझे जरूरत थी मुझे किसी ने मदद नहीं की। तुमने मदद की इसलिए यह पैसे तुम्हारे हैं। तुम इसे मेरी तरफ से उपहार समझ कर रख लो। हरीश मान गया और पैसे रख लिया।
हरीश बहुत खुश था। जब वह घर गया तो अपनी पत्नी के लिए मिठाई लेकर गया। इस पर उसकी पत्नी ने बोला क्या बात है आज बहुत खुश नजर आ रहे हो। हरीश ने अपनी पत्नी को सारी बातें बताई।
इसके बाद यह बात पूरे इलाके में मशहूर हो गई। हरीश लोगों को पैसा देता है और उनकी मदद करता है। इसके बाद हरीश लोगो को पैसे देने के बदले उनसे कुछ पैसे चार्ज करने लगा। और इस कारण वह बहुत जल्दी खूब सारे पैसे बना लिए। वह पूरे गांव में और आसपास के गांव में भी बहुत प्रसिद्ध हो गया।
अब हरीश एक बहुत अच्छी और बड़ी चाय की दुकान खोल ली थी। लेकिन अब उसका मुख्य काम चाय बेचना नहीं बलके लोगों को पैसे उधार देना था।
अब जब भी वह काफी मशहूर हो चुका था। तो आसपास के गांव में भी कोई प्रोग्राम होता। तो हरीश बुलाया करते थे और सम्मान देते थे। लोगों को हरीश के पैसे देकर मदद करने वाली चीज बहुत पसंद आई थी। लोगों ने सोचा क्यों ना हम हरीश को गांव का मुखिया बना दे। सभी लोगों ने हरीश से जाकर इस बारे में बात की। और कहा आप मुखिया का चुनाव लड़े हम सब आपके साथ हैं।
हरीश ने ऐसा ही किया और वह चुनाव जीत गया। अब जब के हरीश मुखिया बन चुका था। तो वह लोगों की और भी अच्छे से मदद कर पा रहा था। एक दिन उसकी पत्नी ने कहा देखा मैंने कहा था ना हमारे अच्छे दिन आएंगे और वह आ गए। इसी प्रकार हरीश और उसकी पत्नी खुशी खुशी अपनी जी अपना जीवन व्यतीत करने लगे।
Intelligent Tea Seller Story | बुद्धिमान चाय वाला की कहानी
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