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Panchatantra Hindi Story | लालची मिठाई वाला पचतंत्र कहानी
Panchatantra Hindi Story | लालची मिठाई वाला पचतंत्र कहानी:- बहुत समय पहले की बात है। रतनपुर नाम के गांव में एक हलवाई रहता था। हलवाई का नाम दीनू था। वह बहुत मेहनती था। वो और उसकी पत्नी दोनो मिलकर देसी घी में बिना किसी मिलावट के मिठाई बनाते थे। जिस से उनकी दुकान की मिठाई और भी ज्यादा प्रचलित हो रही थी। वो मेहनत करते और मुनाफा कमाते। अब वो लोग काफी ज्यादा मात्रा में मिठाई बनाने लगे थे और खूब सारा मुनाफा कमाने लग थे।
उनके पास पर्याप्त धन था जीवन व्यतीत के लिए। लेकिन कहते है न धन इंसान की बुद्धि भ्रष्ट कर देता है। दीनू के साथ भी वैसा ही हुआ। उसने सोचा मै अभी जितना पैसा कमा रहा हूं अगर मै वजन में थोड़ी सी फर्क कर दू तो किसे पता चलेगा और मेरा मुनाफा भी बारह जाएगा। उसने ये सारी बाते सोची और बाज़ार से चुम्बक खरीद के ले आया और उसे दुकान के तराजू से चिपका दिया। एक दो दिन के बाद ही उसकी पत्नी को शक हुआ के हमारा मुनाफा बारह कैसे गया। उसने दीनू से पूछा हमारा मुनाफा अचानक से बारह कैसे गया।
दीनू ने उसको सारी बाते बता दी। उसकी पत्नी ने कहा ये तो गलत है। आप अपने ही ग्राहकों के साथ ऐसा करेंगे। अगर उन्हें पता चल गया तो ना सिर्फ उनका विश्वाश टूटेगा बल्कि वो हमारी दुकान पर भी आना बंद कर देंगे। दीनू ने कहा तुम ये सब सोचने के बजाए मुनाफे पर ध्यान दो। पत्नी के बार बार मना करने पर भी दीनू नहीं माना।
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Panchatantra Hindi Story | लालची मिठाई वाला पचतंत्र कहानी । एक दिन एक राजू नाम का लड़का उसकी दुकान पर आया। उसने कहा दीनू चाचा मुझे दो किलो मोतीचूर के लड्डू दे दो। दीनू ने कहा रुको बेटा अभी देता हूं। दीनू ने चुम्बक तराजू से ही चिपका रखी थी जिस से उसने तौले तो पूरे दो किलो लड्डू लेकिन लड्डू का वजन कम ही था। जब दीनू मिठाई तौल कर राजू को दिया तो राजू को मिठाई काम मालूम पड़ा। उसने दीनू से कहा चाचा ये मिठाई तो कम लग रही है।
दीनू गुस्सा हो गया और उसने राजू से कहा वजन बिल्कुल सही है। तुम्हे लेना है तो को वरना मेरा समय बर्बाद मत करो। राजू उदास हो कर चला गया लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसके मां बाप ने सिखाया था जुल्म के आगे सर झुकाने के बजाए तुम उस से लड़ना जरूर। दीनू दूसरी दुकान पर गया। वहां पर उसने जब उसने मिठाई वजन की तो मिठाई सचमुच आधा किलो कम था।
वो वापिस से दीनू के दुकान एक तराजू के कर गया। और सभी लोगो को इकट्ठा करने लगा। उसने सभी को बुला लिया। ये सब देख दीनू ने कहा ये क्या तमाशा लगा रखा है। राजू ने कहा मै आप सब को एक जादू दिखाता हूं। उसने कहा मै जो कुछ भी इस तराजू पे तौलूंगा वो दीनू चाचा के तराजू पर काम हो जाएगा। उसने ये कर के दिखाया।
उसके बाद उसने दीनू के तराजू पे लगे चुम्बक सभी को दिखाया और कहा ये आदमी ना जाने कब से आप सब के साथ धिका कर रहा था। लोगो को बहुत गुस्सा आया उन्होंने दीनू को खूब मारा। आखिर कार दीनू ने अन सब से माफी मांगी और आगे से कभी ऐसा ना करने की सब को भरोसा दिलाया।
Moral Of The Story
शिक्षा:- लालच बुरी बला है। हमे कभी भी धन की लालच नहीं करनी चाहिए।
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